इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती,पश्चिमी विभाग ,दिल्ली (संबद्ध – अखिल भारतीय साहित्य परिषद,न्यास) की ओर से महर्षि वाल्मिकी जयंती पर कुंवर सिंह नगर में संगोष्ठी संपन्न हुई।
महर्षि वाल्मिकी के चित्र के सामने दीप जलाकर संगोष्ठी का आरंभ हुआ।संगोष्ठी के अध्यक्ष राष्ट्रीय गीतकार डॉ.जय सिंह आर्य ‘ जय ‘,मुख्य अतिथि दरभंगा,बिहार से आईं वरिष्ठ कवियित्री श्रीमती कल्याणी झा ‘ कनक ‘ और विशिष्ठ अतिथि श्री मनोज मिश्रा ‘कप्तान ‘ के स्वागत के बाद सभी कवियों का अंगवस्त्र और पुस्तकें देकर स्वागत किया गया।
मां वाणी की वंदना श्री मनोज मिश्रा ने की।
संगोष्ठी में प्रथम कवि के रूप में आए किशोर कवि श्री अभय कुमार ने आधुनिक तकनीकी पर हास्य – व्यंग्य की रचना प्रस्तुत करते हुए कहा –
“होते अगर वाट्सअप पहले तो,राजाजी रानी को कबूतरों से संदेशे भिजवाते क्यों ?
होती अगर बुलेट बाईक सतयुग में,तो गणेशजी छोटे से मूषक को वाहन बनाते क्यों ?”
उन्होंने सबकी मांग पर रामधारी सिंह ‘ दिनकर ‘ की लंबी कविता प्रस्तुत की।उनके प्रस्तुतिकरण की सबने सराहना की।
इसके बाद बालकवि श्री अंश कुमार ने क्रांतिकारी भगत सिंह जी पर कविता प्रस्तुत की।उन्होंने देशद्रोहियों और भ्रष्टाचारियों को चेतावनी देते हुए कहा –
” अब सुधरोगे या बंदूक उठाऊं,देरी नहीं लगाऊंगा।
पहन बसंती चोला यारों,वंदे मातरम गाऊंगा।।
बिस्मिल और अशफाक बुलाऊं, अब नहीं करूंगा चूक।भगत सिंह की तरह, मैं भी बोऊंगा बंदूक।।”इस छोटे कवि का तड़कना – भड़कना सबको पसंद आया।
युवा कवि श्री रजनीश शुक्ला ‘ प्रेमी ‘ ने अपने उपनाम के अनुरूप श्रंगार रस का गीत पढ़ा।उनके गीत को बहुत प्रसंसा मिली।बजरंग दल के जिला संयोजक और प्रतिभावन गायक श्री अविनाश अद्वैत ने बचपन की इच्छाओं पर बड़ी मार्मिक कविता पढ़ी।वाल्मिकी जयंती को ध्यान में रखते हुए उन्होंने रामायण के प्रसंगों को भी उद्धत किया।
श्री कर्ण सिंह ‘ कर्ण ‘ ने शानदार गजल कहते हुए जब यह पक्तियां कहीं ” अपने दागों की हो खबर तुझको, आइना खुद को भी दिखाया कर।” तो उन्होंने श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं।
युवा कवि श्री मनोज कुमार “मैथिल” ने आज के मनुष्य में आए दोहरेपन और आचरण हीनता को रेखांकित करते हुए बड़ा प्रभावी काव्यपाठ किया।
मंच का संचालन कर रहे विभाग अध्यक्ष डॉ.अखिलेश द्विवेदी ने कवि धर्म और कवियों के महत्व पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा –
“सरस्वती के पुत्रों का यश,इस धरती पर छाया है।
मानव का तन धारण कर,सौभाग्य उतरकर आया है।।”उनके इस गीत को सराहना मिली।
श्री शैलेश लोढ़ा के सुप्रसिद्ध कार्यक्रम “वाह वाह क्या बात है ” में भाग लेकर लौटे युवा कवि और संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि श्री मनोज मिश्रा “कप्तान ” ने अयोध्या में भगवान श्रीराम जन्मभूमि पर कोर्ट का फैसला आने की घटना पर बड़ा मार्मिक गीत सुनाया।उन्होंने कहा –
“आखिर में वह दिन भी आया,राम ही जानें राम की माया।धरती के न्यायाधीशों ने,ईश्वर को फैसला सुनाया।।
सवा अरब की आँखें छलकीं,
सुनकर यह परिणाम।।
मुकदमा जीत गए हैं राम।।”
बिहार के दरभंगा से पधारी संगोष्ठी की मुख्य अतिथि श्रीमती कल्याणी झा ” कनक”ने भगवान राम और देशभक्ति पर प्रभावी काव्यपाठ किया।
उन्होंने कहा –
“तीन रंग में विजय पताका,
विश्व – पटल लहराती है।
भारत की जय गौरव गाथा,
युग – युग से गाई जाती है।।”
ऐसी ओजस्वी पक्तियों को सुनकर तालियों से संगोष्ठी हॉल गूंज उठा।श्रोताओं की मांग पर श्रीमती कल्याणी झा जी ने कई कविताएं पढ़ीं।
अंत में संगोष्ठी अध्यक्ष राष्ट्रीय गीतकार और ओज के पुरोधा कवि डॉ.जय सिंह आर्य “जय”
ने अपने मुक्तकों और गीतों से ऐसा समां बांधा कि किसी को समय का ध्यान ही न रहा।देशभक्ति और तुष्टिकरण को बढ़ावा देने वाली सरकारों द्वारा किए जाने वाले इस कुकृत्य पर उन्होंने करारा प्रहार करते हुए कहा –
“मां को नमन करे तो
मजहब आड़े आता है।
उसको नमन नहीं करता है
जिसकी खाता है।।
रहकर भारत में दुश्मन के
नगमें गाता है।
बहुमत भूखा मरे मगर वह
सुविधा पाता है।।
देशधर्म निरपेक्ष कहां है,
केवल धोखा है।।
तुष्टिकरण की आग में जिसने
देश को झोंका है।
मानवता की पीठ पर उसने
खंजर घोंपा है।।”
डॉ.जय सिंह आर्य जी से श्रोताओं ने कई बार अपनी पसंद की कविताएं सुनाने का आग्रह किया।आर्य जी ने सबकी इच्छा पूर्ति की।
इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती,दिल्ली प्रदेश की ओर से पश्चिमी विभाग अध्यक्ष डॉ.अखिलेश द्विवेदी के प्रस्ताव पर डॉ.जय सिंह आर्य जी ने श्री मनोज कुमार ” मैथिल “की नजफगढ़ जिले के अध्यक्ष के रूप में घोषणा की।विभाग अध्यक्ष ने मैथिल को दायित्व बोध के साथ जिले की टीम शीघ्र गठित करने का निर्देश दिया। इस नियुक्ति पर श्री मनोज कुमार “मैथिल ” ने इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती के विभाग,प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व को धन्यवाद ज्ञापित किया।
– रिपोर्ट – अभय द्विवेदी