देशगान

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जय जय हे जय भारत मेरा।
नवल नभ गंगा जलधारा
हिन्द समद नित पाँव पखारा,
मंदिर मस्जिद और गुरूद्वारा
अर्चन करता मातु तिहारा,
तन मन धन अर्पण सब मेरा
जय जय———-भारत मेरा।टेक।
सरस सलिल सुधा रस बरसे
नित दर्शन को ह्रदय तरसे,
मलय पवन नित तान लगाए
हिमालय चारण बन गाए,
ऋषि मुनी संग होय सबेरा
जय जय———–भारत मेरा।टेक।
चन्द्र सुभाष भगत सम बेटा
बुद्ध चरक सा न दूजा होता,
संस्कृत की यह अमर धरा है
जो अविचल अमर खडा़ है,
गीता ज्ञान का पग पग डेरा
जय जय———-भारत मेरा।टेक।
पल्लव बल्लरी चँवर डोलाए
मौसम मौन हो पुष्प चढा़ए,
बादल जलभर अर्पण करते
माँ का आंचल सिंचित करते,
शत शत नमन धरा को मेरा
जय जय——–भारत मेरा।टेक।
         देवेन्द्र कुमार राय
(ग्राम-जमुआँव, पीरो, भोजपुर, बिहार )

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