दिल्ली ब्यूरो: दिल्ली की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था ‘हल्क़ा-ए-तश्नगान-ए-अदब की 553वीं माहाना निशस्त’ पर्पल पेन साहित्यिक समूह के संयुक्त तत्वावधान में पूर्वी दिल्ली स्थित ध्रुव अपार्टमेंट सामूहिक सदन में मुनक़्क़िद हुई। निशस्त की अध्यक्षता मशहूर शायर डॉ. के. के. ऋषि ने की। उनके साथ शायर श्री नईम बदायूंनी, श्री आर.सी. वर्मा. साहिल और हल्क़े के सेक्रेटरी, उस्ताद शायर श्री सीमाब सुल्तानपुरी ने मंच की शोभा बढ़ाई। पर्पल पेन समूह की संस्थापक-अध्यक्ष वसुधा ‘कनुप्रिया’ ने पुष्पगुच्छ, माला, और अंगवस्त्र पहना कर सभी मंचासीन अतिथिगण का स्वागत किया और उन्हें ‘साहित्य प्रसून सम्मान’ ट्रॉफी सादर भेंट की। निशस्त का सञ्चालन श्री सीमाब जी ने किया।
निशस्त में सर्व सुश्री/श्री रवि ऋषि, अनिल मीत, गुरचरण मेहता रजत, अभिषेक कुमार अम्बर, शाक़िर देहलवी, आशीष सिन्हा ‘क़ासिद’, अब्दुल रेहमान मंसूर, साज़ देहलवी, अजय अक़्स, फ़रीद अहमद फरीद, अरविन्द असर, राजीव ‘कामिल’, ख़ुर्रम नूर, सरिता जैन, मुजीब क़ासमी, सुन्दर सिंह, हेमंत शर्मा ‘दिल’, सीमा सिकंदर, नसीम बेग़म, मनोज जैन, मनीषा यादव, डॉ. सीमा मेरठी, असलम बेताब, जावेद अब्बासी, आरिफ़ देहलवी, सहित लगभग चालीस कवियों/शोरा ने अपने शानदार दोहे, मुक्तक, रुबाई, ग़ज़ल और नज़्म पढ़े। विशिष्ट अतिथियों — श्री साहिल और श्री नईम, सदरे-मोहतरम डॉ. ऋषि और उस्ताद शायर सीमाब सुल्तानपूरी के शानदार क़लाम ने निशस्त को उंचाईओं तक पहुँचाया।
‘हल्क़ा-ए-तश्नगान-ए-अदब’ की गतिविधियों की जानकारी देते हुए हल्क़े के सेक्रेटरी, उस्ताद शायर सीमाब सुल्तानपुरी जी ने बताया की हल्क़े की स्थापना — दिसंबर 1967 से ले कर आज तक — लगातार माहाना निशस्त दिल्ली, एनसीआर के साथ आस-पास के राज्यों में भी आयोजित की जाती रही है। इतने लम्बे समय तक इस तरह का आयोजन करने वाली यह अपने आपन में एक अनूठी और एकमात्र संस्था है। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. के. के. ऋषि ने इस उपलब्धि के लिए हल्क़े के सूत्रधार उस्ताद शायर सीमाब सुल्तानपुरी को मुबारक़बाद पेश की। कार्यक्रम के अंत में श्री सीमाब सुल्तानपुरी ने सहभागी संस्था पर्पल पेन की संस्थापक-अध्यक्ष वसुधा ‘कनुप्रिया’ तथा उपस्थित कविगण के प्रति आभार व्यक्त किया और अगली माहाना निशस्त की घोषणा की।
रिपोर्ट — वसुधा ‘कनुप्रिया’