हेलो फेसबुक लघुकथा सम्मेलन सम्पन्न हुआ

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हेलो फेसबुक लघुकथा सम्मेलन हिन्दी की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मिथिलेश दीक्षित की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ, जिसमें प्रसिद्ध लघुकथाकार श्री भगवती प्रसाद द्विवेदी जी मुख्य अतिथि थे और हिन्दी के विख्यात कला शिल्पी और लघुकथाकार श्री सिद्धेश्वर जी संयोजक थे ।सम्मेलन में अनेक लघुकथाकार सम्मिलित हुए ।
डॉ. मिथिलेश दीक्षित जी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में लघुकथा के सम्बन्ध में विस्तार से अपनी बात रखी। Dr Mithlesh Dixit Lakhnau: वर्तमान में लघुकथा सर्वाधिक चर्चित साहित्यिक विधा है , जो संवेदन के धरातल पर जीवन के समानान्तर अपना अस्तित्व धारण कर रही है और अन्य कथात्मक विधाओं के मध्य गौरव के साथ अपना महत्वपूर्ण स्थान ग्रहण कर रही है ।
लघुकथा का मूल स्वर है गहन संवेदन और मूल प्रयोजन है प्रभाव की एकता तथा सम्प्रेषण-क्षमता ।
लघुकथाकार का गहन संवेदन जब पात्र में और घटना में जीवन्त हो उठता है, तब पाठक या श्रोता से उसका तादात्म्य हो जाता हैऔर पात्र तथा घटना सम्मुख उपस्थित हो जाते हैं और रचनाकार पृष्ठभूमि में चला जाता है। भाव, भाषा और
प्रस्तुति के सुन्दर समन्वय में ही प्रभावपूर्ण लघुकथा की सार्थकता है । वस्तुत: लघुकथा विस्तृत वर्णन या विवरण नहीं हैऔर न कोरा सन्देश है। यह जीवन के क्षण विशेष की गहन अनुभूति का सांकेतिक चित्रण है ।कभी -कभी ऐसा भी देखा जाता है कि मूल कथ्य भी अच्छा है,प्रयोजन भी अच्छा है , लेकिन वर्णन के अनावश्यक विस्तार में वह दब जाता है या खो जाता है । इससे कथ्य में शिथिलता आ जाती है और प्रभाव की एकता बाधित हो जाती है ।तभी कहा जाता है कि लघुकथा गहन भावबोध की सधी हुई कलात्मक रचना है ।
मिथिलेश दीक्षित

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