काव्य संग्रह :- एहसास चाँद के
कवयित्री :- श्रीमती रजनीश गोयल
प्रकाशक :- देवप्रभा प्रकाशन , ग़ाज़ियाबाद,
उत्तरप्रदेश
समीक्षक:- कमल कांत शर्मा
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एहसासों को जीवन की सफलता के मामले में एक बड़ा मानक माना गया है, और जब अपनें दूर जाकर रहने लगते है तो इन एहसासों को सहेजने, संभालने की और भी ज्यादा आवश्यकता महसूस की जाती है।
मधुर रिश्तों के लिए सबसे जरूरी होता है, आपसी सामंजस्य और समर्पण का भाव, और जब ये भाव एक संवेदनशील कविमना की लेखनी से मुखरित होते है तो एक बेहतरीन काव्य संकलन के रूप में काव्यचमन में सुरभित होते है ‘ एहसास चाँद के ‘ रूप में ।
‘एहसास चाँद के ‘ में कवयित्री श्रीमती रजनीश गोयल ने अपने नाजुक एहसासों को विभिन्न रूपों में यथा गीत , ग़ज़ल , दोहे , मुक्तक , घनाक्षरी, कुँडलिया एवं छंदमुक्त में लिखकर इन्द्रधनुषी छटा बिखेरी है ।
वे कहती है :-
मन में आता है अब यही ।
लिखुँगी जो दिल आए वही ।।
पुस्तक के प्रारम्भ में ही वे आशा की ज्योति प्रज्वलवित करती हुई लिखती है :-
कभी रजनी
कभी निशा होने का ग़म, मुझे ज़माने ने जतलाया ।
लेकिन मैं तो चाँद हूँ, मुझे आज समझ आया ।।
माँ वीणापाणि का आह्वान करती हुई आप लिखती है :-
आन बिराजो सुर में मेरे ,
मैं बन जाऊँ सुर की रानी
अपनी ग़ज़लों में रजनीश जी ने अपने कोमल एहसासों को बख़ूबी पिरोया है लेकिन साथ ही साथ आईना भी दिखाया है :-
समझा था पगली हमें हर शख़्स ने ।
‘रजनीश’ हम फिर से सयाने हो गए ।।
शृंगारिक वर्णन में आपने प्राकृतिक बिम्बों का बड़ी निपुणता से प्रयोग किया है:-
ज़ुल्फ़ खुलके कुछ बिखरी ऐसे ।
बादल तो गया आवारा है ।।
गीत विधा में आप सूफ़ियाना अंदाज़ में लिखती है :-
सुन मुझपे कोई रंग चढे न
ऐसा तू रंग दे और चढे न
लेने आएंगे मेरे भरतार
ओढ़ उन्हें दिखलाऊँगी
अपने मनिहारिन गीत में आप चूड़ी के साथ के साथ ध्वन्यात्मक शब्द छनन- छनन का प्रयोग कर मनोहारी प्रभाव उत्पन्न करती है :-
सुन मनिहारिन बात तू सुन ले
मेरे लिए तू चूड़ी चुन लें
छनन- छनन- छन… चूड़ी चुन लें …
माहिया लेखन आप काफ़ी सहज और सिध्दहस्त है :-
चलती पुरवाई ए ।
मौसम बेदर्दी
सजना हरजाई ए ।।
और जब इनकी कलम से दोहा रूपी काव्यधार बहती है तो चारो तरफ स्वरतरंगे हिलोरें लेती प्रतीत होती है :-
फागुन का हल्ला हुआ , ख़ूब मचा है शोर ।
तनिक रंग में ले गया , मनवा माखनचोर ।।
इस पठनीय कृति को पढ़ते समय पाठक को एक सात्विक सम्मोहन की अनुभूति होगी ।
देवप्रभा प्रकाशन ग़ाज़ियाबाद उत्तरप्रदेश द्वारा प्रकाशित रजनीश गोयल जी का यह काव्य संग्रह शीतल रजनी में शुभ्र ज्योत्स्ना सी छटा बिखेरेगा , इन्ही शुभेच्छाओं के साथ एक बेहतरीन कृति के आपको हृदय से साधुवाद ।
कमल कांत शर्मा
ग्राम- छापुडा कलाँ जिला जयपुर राजस्थान ।