उज्जैन । मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा संचालित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्त्व संग्रहालय, उज्जैन में शक्ति- साधना पर्व के पावन अवसर पर आयोजित “सिद्धा महोत्सव" के द्वितीय दिवस गायन, संगीत तथा स्तुति आदि भाव प्रस्तुतियों के द्वारा भगवती दुर्गा की आराधना कलात्मक रूप से सम्पादित की गई । द्वितीय दिवस दिनांक 05 अक्टूबर को शाम 7:30 मुख्य अतिथि श्री जीवनसिंह ठाकुर, वरिष्ठ साहित्यकार एवं इतिहासविद् की गरिमामयी उपस्थिति में कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । पहली प्रस्तुति के रूप में उज्जैन की गायिका डॉ. तृप्ति नागर ने अपने साथी कलाकारों के साथ “मालवी-लोकगीत” की पारम्परिक शैली में निबद्ध भजनों से भगवती दुर्गा की आराधना करते हुए अपनी प्रस्तुति को विराम दिया । इनके साथ संगतकारों में श्रीमती करुणा सिसोदिया, श्रीमती स्वाती उपाध्याय, सुश्री अर्चना मिश्रा (हार्मोनियम), शैलेन्द्र भट्ट (तबला), श्री विवेक धवन (ढोलक), श्री दिनेश त्रिवेदी एवं श्री संजय जोशी ने साथ दिया । इसके पश्चात वर्ष 2019 में केन्द्र संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार की विजेता रही श्रीमती गोपिका
वर्मा एवं साथी, केरल के कलाकारों द्वारा “भवमोचिनि- मोहिनिअट्टम एवं कथक समूह नृत्य” प्रस्तुत किया गया । इस प्रस्तुति में भरतनाट्यम और मोहिनिअट्टम की जुगलबंदी के रूप में नर्तकियों ने देवी के गुणक चेहरे और उनकी विविध
अभिव्यक्तियों का प्रदर्शन और उनके हजारो नामों का चित्रण सुधी दर्शकों के मध्य किया ।
कार्यक्रम के अंतिम दिन दिनांक 06 अक्टूबर को देवी आधारित “निमाड़ी गायन”, श्री विकास शुक्ला एवं साथी, हरदा के कलाकार प्रस्तुत करेंगे और अन्त में आसाम की कलाकार सुश्री मारामी मेधी एवं शिष्याओं द्वारा कथक एवं असमिया
लोक समूह नृत्य में “आर्या नृत्य-नाट्य” प्रस्तुत किया जाएगा । त्रिवेणी कला एवं आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, मध्यप्रदेश संसकृति परिषद, भोपाल पुरातत्व संग्रहालय मे नवरात्रि के अवसर पर आयोजित हो रहे इस तीन दिवसीय सिद्धा महोत्सव की सभी गायन, वादन एवं नृत्य प्रस्तुतियाँ समस्त कलारसिकों के लिये पूर्णतः निःशुल्क रहेंगी । अतएव सपरिवार इष्टमित्रों सहित पधारकर त्रिदिवसीय आयोजन को सफल बनाए ।
(अवधेश श्रीवास्तव)
प्रभारी अधिकारी