वाराणसी में गीताश्री साहित्य भारती परिषद संस्था द्वारा आयोजित दो दिवसीय वार्षिक अधिवेशन और कवि सम्मेलन कार्यक्रम का शुभारंभ दिल्ली के मशहूर शायर नरेश मलिक जी द्वारा दीप प्रज्वलन करके किया गया और इस अवसर पर उनके साथ कैमा रसूलपूर गांव के प्रधान भी उपस्थित रहेl आदरणीय राष्ट्रीय कवि ओमपाल सिंह निडर जी का विशेष सानिध्य भी इस कार्यक्रम में प्राप्त हुआ l शायर नरेश मलिक द्वारा दीप प्रज्वलित करने के बाद मां सरस्वती की वंदना से कार्यक्रम का प्रथम सत्र प्रारंभ हुआl प्रसिद्ध एवं वरिष्ठ कवि सुधीर सुधाकर सिंह जी ने कार्यक्रम का सुन्दर संचालन किया और प्रथम सत्र में विभिन्न साहित्यिक विषयों पर देश भर से आए कवि, कवयित्रियों और साहित्यकारों ने अपने विचार रखते हुए साहित्य के सभी पहलुओं पर शानदार चर्चा की l दिन में सभी सत्रों की समाप्ति के बाद कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जो देर रात्रि तक चला l उपस्थित जनसमूह ने पूरे कार्यक्रम को बेहद पसंद किया और कविताओं का भरपूर आनंद लिया l अगले दिन की शुरुआत फिर विभिन्न सत्रों से हुई जिसका बेहतरीन संचालन युवा कवि संजीव शास्त्री एवं कोटा के साहित्यकार मदन शर्मा जी ने किया l शाम को आदरणीय राष्ट्रीय कवि ओमपाल सिंह निडर जी की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया और इस अवसर मुख्य अतिथि के रूप में शायर नरेश मलिक उपस्थित रहेl आदरणीय निडर जी ने अपने दिल के भाव अपने विचारों और काव्य के रूप में व्यक्त किए जिसे सभी ने अत्यंत पसंद किया l निडर जी को एक और कार्यक्रम में शिरकत करनी थी जिसके चलते उन्होंने अपने बाद के कार्यक्रम की अध्यक्षता करने की जिम्मेदारी नरेश मलिक जी को प्रदान की और कवि सम्मेलन एवं सम्मान का पूरा कार्यक्रम उनकी अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ l कवि सम्मेलन का दूसरे दिन का कार्यक्रम अत्यंत सफ़लता के साथ संपन्न हुआ और कवियों, शायरों की प्रभावपूर्ण काव्य प्रस्तुति से गाँव के लोग खुशी से झूम उठे और उन्होंने कई कवियों और शायरों को दुबारा मंच पर बुलाने का आग्रह किया और उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कवि सम्मेलन के समय को आगे बढ़ाया गया और गाँव के लोगों ने ग़ज़लों और कविताओं का भरपूर लुत्फ़ लिया और कवियों के जमकर तालियां और प्रशंसा बटोरी l सभी सत्रों में हुई विभिन्न प्रतियोगिता में विजेताओं को सम्मान समारोह में प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गयाl कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए कवियों, शायरों आदि को भी प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान प्रदान किया गयाl अंत मे शायर नरेश मलिक ने अपनी काव्य प्रस्तुति देते हुए ग़ज़लें और शेरो शायरी सुनाई जिसको गाँव के उपस्थित जनसमूह ने पसंद किया और तालियां बजाकर अभिवादन किया l अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में शायर नरेश मलिक ने दो दिवसीय पूरे कार्यक्रम पर अपने विचार रखे और सभी का धन्यवाद अदा करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की l पूरे कार्यक्रम में मगसम साहित्यिक संस्था का भी विशेष योगदान रहा और उनके द्वारा भी माँ पर लिखी कविताओं पर सम्मान प्रदान किया गयाl इस अवसर पर “फकीर तेरे गाँव में” पुस्तक का लोकार्पण भी हुआ और फ़कीर बाबा की पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गईl पूरा कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ और साहित्यिक दृष्टि से हिन्दी साहित्य को ग्रामीण आँचल तक ले जाने में मील का पत्थर साबित हुआ जिसकी ग्रामीणों द्वारा भूरि भूरि प्रशंसा की गई और दुबारा ऐसा ही कार्यक्रम अगले वर्ष भी करने की मांग की गई l